घटक द्वव्य |
अमृता सत्व, लौह भस्म, अभ्रक भस्म 50 पुटी, स्वर्णमाक्षिक भस्म | |
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उपयोग |
जीर्ण ज्वर, क्षय, पाण्डु, प्रदर, ज्वर, ज्वर के बाद की दुर्बलता, धातु क्षीणता आदि में उपयोगी है। यह सगर्भा, प्रसूता, बालक, वृद्ध हर उम्र में हितकारक व स्मरण शक्ति वर्धक है। |
मात्रा | 250 मि. ग्रा. से 500 मि. ग्रा. (2-4 गोली) दिन में 2 बार। |
अनुपान | दूध |