घटक द्वव्य |
शुद्ध पारद, शुद्ध गन्धक, लौह भस्म, अभ्रक भस्म, अनुपान नल बेलगिरी चूर्ण, चित्रकमूल, कलिहारी, शुण्ठी, कृष्ण मरिच, पीपली, पित्तपापड़ा, दन््तीमूल, सुहागा फूला, यवक्षार , सैंधवलवण। |
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उपयोग |
रक्तार्श, वातार्श में हितकर है । |
मात्रा |
250 मि.ग्रा, से 500 मि. ग्रा. दिन में 2 बार। |
अनुपान |
गुलकन्द, जल या कुटजावलेह |