घटक द्वव्य |
बेलछाल, गंभारी छाल, पाढ़ल छाल, अरलु छाल, अरणी की छाल, गोखरू का पंचांग, छोटी कटेली का पंचांग, पृष्णपर्णी का पंचांग, शालपर्णी का पंचांग । |
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उपयोग |
वातश्लेष्माज्वर, सन्निपात के लक्षण, कण्ठावरोध, हृदयावरोध, तन्द्रा, वातप्रकोप, शोथ, कफ वृद्धि, श्वास, 'पसलियों की पीड़ा, प्रसूता के मुखशोष, शीत भ्रम, स्वेद, कास, श्वास । |
मात्रा |
20-30 ग्राम का क्वाथ। |
अनुपान |
पीपल का चूर्ण या घी मिलाकर। |