घटक द्वव्य |
हरड़,बहेड़ा,आँवला ,हल्दी,दारुहल्दी,बड़ी कटेली,छोटी कटेली,कपूर,सौंठ ,मरिच ,पीपल,पीपलमूल,मूर्वा , गिलोय,धमासा,कुटकी,पित्तपापड,कूड़ा की छाल ,मुलहठी ,नागरमोथा,त्रयमाण ,नेत्रबाला,पुष्कर मूल,नीम की छाल , अजवायन,इन्द्रजौ ,सहिजने के बीज,फिटकरी का फूला,बच,दालचीनी,सफ़ेद चन्दन,अतीस ,खरेटी ,शालपर्ण ,प्रष्णपर्णी , वायविडंग ,तगर,चित्रमूल,देवदारु ,चव्य,पटल पत्र,श्वेत कमल पुष्प,काकोली (अभाव अश्वगंधा ),जीवक (अभाव में विदारीकंद), ऋषभक (आभाव में वंशलोचन ),खस,लौंता ,वंशलोचन,तेजपत्र,जावित्री ,तालीस पत्र और चिरायता। |
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उपयोग |
जीर्ण व नूतन निरंतर अधिक समय तक रहने वाला ज्वर ,अग्निमांध ,पाण्डु व् शारीरिक निर्बलता नाशक। |
मात्रा | 15 -30 एम.एल |