घटक द्वव्य |
सौंठ, पीपल, चव्यं, पीपलामूल, चित्रक, भुनी हींग, अजमोद, सरसों, दोततों जीरे, रेणुका (निर्गुण्डी बीज) इन्द्रजी, पाठा, विडंग, गजपीपल, कूटकी, अतीस, भारंगी, बच, मूर्वा, त्रिफला, शुद्ध गुग्गुल। |
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उपयोग |
वातरोग, कुष्ठ, अर्श, ग्रहणी, प्रमेह, वातरक्त, नाभिशूल, भगन्दर, उदावर्त, क्षय, गुल्म, अपस्मार, उरोग्रह, श्वास, : कास, धातु विकार, रजो विकृति। |
मात्रा |
250 मि.ग्रा. दिन में दो बार |
अनुपान |
रासत्रादि क्वाथ। |