घटक द्वव्य |
हरड़, मुनक्का, बायविडंग, महुवे के फूल, गुड़, गोखरू,निसोंत, धनियां, धाय के फूल, इन्द्रायण की जड़, चव्य,सौंफ, सौंठ, दन्तीमूल, मोचरस |
---|---|
उपयोग |
यह अरिष्ट अर्श, उदररोग, मलावरोध, मूत्रावरोध को दूर करता है | अग्नि को प्रदीप्त करता है। |
मात्रा |
15 से 30 मि.ली. सम्भाग जल मिलाकर व चिकित्सकीय परामर्श से । |