घटक द्वव्य |
सफेद चन्दन, नेत्रबाला, नागरमोथा, गम्भारी की मूल, नील कमल फूल, प्रियंगु, पद्माख, लोध्र, मंजीठ, लाल चन्दन पाठा, चिरायता, बड़ की छाल, आम वृक्ष की छाल ,मोचरस, धाय के फूल, चन्दन का धुआँ | |
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सहायक द्रव्य | जल। |
उपयोग |
शुक्रमेहनाशक, बलकारक, पौष्टिक, जीर्ण सुजाक के रोगियों के लिए हितकारक | इसके सेवन से रक्त में उत्पन्न मूत्रविष, मूत्राशयदाह, मूत्रावरोध आदि विकार दूर हो जाते हैं। |
मात्रा | 15 मि.ली. से 20 मि.ली. दिन में 2 बार |