घटक द्वव्य |
शुद्ध पारद, शुद्ध गंधक, लौह भस्म, शुद्ध वात्स्नाभ, रेणुका बीज, शुण्ठी, कृष्णा मिर्च, पीपली, हर्तिकी, विभीतकी, आमलकी, पीपला मूल, चित्रकमूल, दालचीनी, तेजपत्र, इलाइची, नागकेशर, वायविंडग, अकरकरा, नागरमोथा, गुड़ । |
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उपयोग |
जीर्ण व नवीन प्रतिश्याय, श्वास, कास, अपस्मार, तथा वाटिक शीरो रोग में विशेष हितकार है। |
मात्रा |
125 मि.ग्रा. से 375 मि.ग्रा. दिन में 2 बार। |
अनुपान |
अदरक का रास और शहद। |