घटक द्वव्य |
गोदन्ती भस्म, गिलोय सत्व, प्रवाल पिष्ठी, जहरमोहरा खताई पिष्टी, कजजली, जटामांसी चूर्ण, छोटी इलायची केदाने का चूर्ण, खस, भीमसेनी कर्पूर। |
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उपयोग |
ज्वर में दाह, तृषा, वमन, शिरदर्द व्याकुलता आदि में उपयोगी है। ज्वर के ताप को कम करता है। तेज ज्वर में मस्तिष्क को हानि होने से बचाता है। |
मात्रा | 500 से 1000 मि. ग्रा. |
अनुपान | शहद से। |