घटक द्वव्य |
शुद्ध संगेयसव पत्थर |
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भावना द्वव्य |
गुलाब जल, अर्क गाजवां, केवड़ा जल । |
उपयोग |
यह पिष्टी हृदय की धड़कन को व उष्णता को नियंत्रितकरके हृदय को बलवान बनाती है। निद्रा, नाश,हिस्टीरिया, मूर्छा, वातवाहिनियों की निर्बलता, मस्तिष्ककी निर्बलता, उष्णता व स्वेदाधिक्य, आमाशय कीअशक्ति, धातु की निर्बलता, स्मरण शक्ति की कमी को दूरकरती है। |
मात्रा | 125मि.ग्रा. से 375 मि, ग्रा. दिन में 2 बार । |
अनुपान | शहद |