घटक द्वव्य |
शुद्ध कहरवा का बारीक चूर्ण |
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सहायक द्वव्य |
गुलाबजल |
उपयोग |
पित्त विकार, प्रवाहिका, रक्तातिसार, रक्तप्रदर, आन्त्र केरोग, अर्श, रक्तपित्त आदि रोगों में रक्त प्रवाह बन्द करने केलिए उत्तम है। मन्द ज्वर, अरूचि दाह, तृष्णा, भ्रम,प्रस्वेद, नासाकृमी, आदि रोगों में हितकारी है। |
मात्रा | 250 मि.ग्रा. से 750 मि. ग्रा. दिन में 2 बार । |
अनुपान | जल। |