घटक द्वव्य |
शुद्ध सोनामाखी |
---|---|
सहायक द्व॒व्य |
कुल्थी क्वाथ, एरण्ड तैल, मट्ठा, बकरे का मूत्र. |
उपयोग |
पाण्डु, कामला, जीर्ण ज्वर, निद्रा नाश, मस्तिष्क कीउष्णता, पित्तविकार, रक्तदुष्टि, नेत्रदाह, वमंन, मितली,ब्रण, पित्तप्रमेह, प्रदर रोग, मूत्रकृच्छ, शिरःशूल, विषविकार, अर्श, उदर रोग, कण्डु, कुष्ठ, कृमी रोग, अश्मरीआदि रोगनाशक है।। |
मात्रा | 125 मि.ग्रा. से 325 मि.ग्रा. दिन में 2 बार । |
अनुपान | शहद या गुलकन्द |