घटक द्वव्य | शुद्ध मोती की सीप, घृतकुमारी की मज्जा |
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सहायक द्वव्य |
नीबू का स्वरस |
उपयोग |
अग्नि प्रदीपक, शीतल, मस्तिष्क पौष्टिक, क्षय, कास जीर्णज्वर, नेत्र दाह, उदरवात, पित्तज गुल्म, श्वास अरूचि, परिणामशूल, पित्तातिसार, अम्लपित्त, दाह रक्तप्रदर व निर्बलता को दूर करती है। |
मात्रा | 125 मि.ग्रा. से 500 मि.ग्रा. दिन में 2 बार। |
अनुपान | मक्खन- मिश्री या शहद |