घटक द्वव्य |
शुद्ध पारद, ताम्र भस्म, लौह भस्म। पाचन हेतु- निम्बू स्वरस | |
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भावना द्रव्य |
पीपल, पिपलामूल, चव्य, शुण्ठी, चित्रकमूल, अम्लवेत । सुहागा फूल, कृष्ण लवण, मरिच। |
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उपयोग |
जीर्ण ज्वर, पित्त विकार, अम्लपित्त, दाह, मूर्च्छा, भ्रम,उन्माद, मगज की निर्बलता, सोमरोग, प्रदर, रक्तप्रदर,अपस्मार, मूत्रदाह, मुखपाक, रक्तार्श, सगर्भा स्त्री का वमन, मानसिक त्रास आदि में लाभदायक है। |
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भावना हेतु | चने का क्षार। | |
अनुपान |
मट्ठा और सैंधव |